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Showing posts from June, 2017

तो इसलिए बजाते हैं मंदिरों घंटा या घंटी? संत श्री दयाराम महाराज

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सन्त श्री दयाराम महाराज का केहना का मतलब सरल शब्द में यह होता है कि मंदिर के द्वार पर और विशेष स्थानों पर घंटी या घंटे लगाने का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है। लेकिन इस घंटे या घंटी लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है? कभी आपने सोचा कि यह किस कारण से लगाई जाती है? पढ़िए ये वजह। मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिक कारण भी इनकी आवाज को आधार देते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन का फायदा यह है कि इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। अत: जिन स्थानों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इससे नकारात्मक शक्तियां हटती हैं। नकारात्मकता हटने से समृद्धि के द्वार खुलते हैं। पहला कारण घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लग जाती है। मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों

संत रघुनाथरामजी महाराज की द्वितीय वार्षिक वर्षी हर्षोल्लास के साथ मनाई :- सन्त श्री गुलाबराम जी महाराज

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संत रघुनाथरामजी महाराज की द्वितीय वार्षिक वर्षी मनाई निकटवर्ती लुम्बा की ढाणी स्थित आँजणा समाज के राजाराम मन्दिर के संत रघुनाथराम जी महाराज की दितीय वर्षी हर्षोलाश के साथ मनाई  पूर्व संध्या को एक शाम गुर रघुनाथरामजी के नाम भजन संध्या में जोधपुर के श्यामदास एंड पार्टी ने शानदार प्रश्तुती दी एवम् विशाल हवन किया और प्रात को गुरदेव् को भक्तो ने पूजा कर खुशहाली की कामना की इन मोके पर कार्यक्रम स्थानीय महंत गुलाबरामजी  महाराज की अद्क्षता में हुआ कार्यक्रम में महामण्डलेश्वर जानकीदासजी  महाराज ढेमा रामगिरि जी महाराज डिसा रतन गिरीजी महाराज जीवाणा गुजरात उम्मेद गिरी जी महाराज मीठा चेलाराम जी महाराज महेशरा गुजरात दरगारामजी महाराज केशवना और मावजी भाई विधायक थराद ने शिरकत की   सभा को संत महामंडलेश्वर जानकी दासजी महाराज ढ़ेमा गुजरात ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए समाज सेवा की बात कही और रामदाशजी महाराज डिसा ने नसा नही करने की बात कहि एवम् 20 जनो को बीड़ी जर्दा सुडवाय नशा की हानीयो को बताई और लाभार्थी परिवार गलाराम व डूंगराराम धोलेरिया पाली का बहूमान किया गया व आगामी वर्षी की बोली विक्रमसि